पूजा कमरा या पूजा स्थल के बिना हर भारतीय घर अधूरा मन जाता है क्योकि ये वो स्थान है जहां परिवार के सदस्य दैनिक पूजा कर सकते है। यह कार्यप्रणाली सिर्फ हिंदू घरों तक ही सीमित नहीं है बल्कि ज्यादातर भारतीय घरो में ध्यान और प्रार्थना के लिए एक छोटे स्थान समर्पित होता है।
आज की शहरी जीवनशैली में अंतरिक्ष कीमती होने के कारन घरो में छोटे से पूजास्थल को शामिल करना घरवालों के लिए एक चुनौती है। ज़्यादातर लोग निर्देश-निर्मित मंदिर डिजाइन को इस्तेमाल करते हैं या अपने भोजन कक्ष, बेडरूम या बरामदा के नुक्कड़ या कोने में जगह बनाते हैं।
हमने 10 मंदिर डिजाइन पेश किए हैं, जिनमें से आप अपने छोटे घर में शामिल करने के लिए प्रेरणा ले सकते हैं।
अगर घर में लम्बा विस्तार का दीवार या गलियारा है तो दीवार के बीच एक निर्देश निर्मित मंदिर का स्थल दीवारों के बीच में सम्मिलित करवा सकते हैं । आपके पास छवियों और पूजा सामानों की संख्या के आधार पर प्रदर्शन की जगह तय करें और भंडारण के लिए शेष जगह का उपयोग करें।
हिन्दू मंदिरो में इस तरह के उज्जवल रंगों को जोड़ने से आपके छोटे मंदिर को सकारात्मक ऊर्जा मिल सकती है चाहे यह घर के अंधेरे कोने में स्थित क्यों न हो। इस घर में, दीवार पर ओम का चिन्ह इस पूजा क्षेत्र में एक धार्मिक प्रभाव डालता है।
मंदिर को गलियारे या बालकनी के अंतिम छोर पर रखकर सार्वजनिक क्षेत्रों से दूर कीजिए और इसके सामने एक द्वार का निर्माण करें ताकि इस स्थल में गोपनीयता बानी रहे। इस पेशेवर रूप से डिजाइन किए पूजा घर में आकर्षक कांच के दरवाज़े का इस्तेमाल करने से अच्छा स्पर्श मिलता है।
इस घर में कैबिनेट शैली की मंदिर को पढाई के कमरे के कोने में सजाया गया है। इसमें फ़्रेमयुक्त चित्र और मुर्तिया प्रदर्शित करने के लिए समतल शेल्फ हैं, जबकि कैबिनेट का काउंटर टॉप दीप और अन्य पूजा सामान रखने के लिए उपयोग किया जाता है।
बेडरूम या अध्ययन कमरे के कोने में पूरी दीवार को प्रार्थना और ध्यान के लिए समर्पित किया जा सकता है । जैसे इस घर में छोटे से कृष्णा और गणेश की मूर्तियों को प्रदर्शित करने के लिए उपयोग किया गया है।
एक कमरे के कोने में मंदिर का इस तरह निर्माण करने से अंतरिक्ष का बचाव होता है। आकर्षक डिजाइनिंग के कारन यह पृष्ठभूमि के नीचे संगमरमर के वेदी पर सजे मूर्तियों सुरुचिपूर्ण मंदिर की रचना हुए है जो इस स्थान पर पवित्र चमक जोड़ती है।
आम तौर पर पूजा स्थल की स्थापना घर के लिए महत्वपूर्ण होती है इसलिए यदि छोटे दीवार या शेल्फ पर जमा रहा हैं, तो उसे प्रभावपूर्ण बनाने की कोशिश इस तरह कर सकते हैं। दीवार के अंदर दराज़ों वाली अलमारी से मूर्तियों के लिए पीठिका बनवा के तस्वीरो को कांच के दरवाज़े के पीछे रखने से स्थान को गहराई बढ़ती है और ऐसा लगता है कि यह पूजा स्थल बड़ा है। ऐसा बनाने के लिए आप आतंरिक सज्जाकार से घर के सजावट के दौरान ही स्पस्ट कर ले ताकि बाद में अलग से पूजा घर लगवाने में पैसे बर्बाद न हो ।
न्यूनतम पूजास्थल
बैठक या बेडरूम को सामर्थ्यवान बनाने के लिए अपने मंदिर को कमरे के कोने में एक कगार या शेल्फ पर स्थापित करें। सुनिश्चित करें कि मूर्ति या तस्वीर के साथ में दीपक या अगरबत्ती के लिए भी पर्याप्त जगह हो। इस तरह के धार्मिक पृष्ठभूमि की दीवार पर उज्ज्वल रंग जोड़ें ताकि शेष कमरे से यह स्थान अलग हो सके।
छोटे घर के लिए इस तरह के छोटे लकड़ी के मंदिर से बेहतर कुछ भी नहीं है क्योंकि इनके हलके वजन के कारन एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में कोई मुश्किल नहीं होती है । जब आप इसके लिए सबसे अच्छा स्थायी स्थान ढूंढ चुन लें तो दीवार पर लगा लें या अलमारी में सजा लें । एक मंदिर को शांतिपूर्ण और सुखदायक होने की जरूरत है, इसलिए इसे उपयुक्त क्षेत्र में रखें जहां कम से कम परेशान होने की संभावना रखते हैं।
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